Monday 24 August, 2009

हंगामा है क्यों बरपा!


विदेश में किसी इंडियन सिलेब्रिटी के साथ नस्लीय भेदभाव हो, तो पूरा देश उबल पड़ता है, लेकिन जब भारत में किसी और सिलेब्रिटी द्वारा इस तरह की शिकायत की जाती है, तो उस पर कोई कान नहीं देता:

नस्लीय मसला
पिछले दिनों अमेरिकन एयरपोर्ट सिक्यूरिटी ऑफिसर्स के ऊपर रेसिज्म का इल्जाम लगाकर शाहरुख खान मीडिया की सुर्खि में छा गए। नैशनल और इंटरनैशनल न्यूज चैनल्स और न्यूज पेपर्स ने इस खबर को प्रमुखता से पब्लिक के सामने पेश किया। तमाम भारतीय इस मामले से काफी दुखी हुए, क्योंकि उन्हें किंग खान के साथ हुआ व्यवहार अपने साथ हुआ व्यवहार लगा। हालांकि यह बात और है कि अपने ही देश के भीतर जब कुछ लोग इस तरह के नस्लवाद के आरोप लगाते हैं, तो हम लोग उलटे उन पर ही कुछ और आरोप लगा कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करते हैं।

पिछले साल शबाना आजमी ने इल्जाम लगाया था कि उन्हें और जावेद अख्तर को मुस्लिम होने की वजह से मुंबई में एक फ्लैट नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा, 'मैं मुंबई में अपने लिए एक घर खरीदना चाहती हूं, लेकिन मुस्लिम होने की वजह से कोई मुझे घर बेचने को तैयार नहीं है। मेरी समझ में नहीं आ रहा कि जब मैं और जावेद अख्तर ही अपने लिए घर नहीं खरीद पा रहे हैं, तो बाकी मुसलमानों का क्या हाल होगा?' पता नहीं इसके बाद शबाना को फ्लैट मिल पाया या नहीं, लेकिन ससायटी पर रेसिज्म का इल्जाम लगाने के लिए उनकी फजीहत जरूर हुई।

कुछ ऐसी ही घटना पिछले दिनों इमरान हाशमी के साथ हुई, जब उन्होंने मुंबई की एक ससायटी पर अपने मुस्लिम होने की वजह से उन्हें फ्लैट नहीं बेचने का इल्जाम लगाया। लेकिन इमरान को यह मामला उलटा ही पड़ गया। इमरान के बयान के बाद उनके साथ-साथ महेश भट्ट को भी ससायटी की नाराजगी झेलनी पड़ी। और तो और मुंबई के एक बीजेपी नेता ने तो इमरान के खिलाफ केस भी दर्ज करा दिया। इमरान की इतनी आलोचना हुई कि उन्हें यू टर्न लेते हुए अपना बयान बदलना पड़ा। साथ ही, इमरान को कथित रूप से फ्लैट बेचने के लिए इनकार करने वाले आदमी ने साफ तौर पर कहा कि उसे तो फ्लैट बेचना ही नहीं था।

काला हिरन मारने के केस में फंसने के बाद सलमान खान ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था कि मुस्लिम होने की वजह से मुझे फंसाया जा रहा है। हालांकि उन्हें अपने इस बयान का बहुत ज्यादा फायदा नहीं मिला और बॉलिवुड के इस सुपरस्टार को जेल की हवा खानी पड़ी। इसी तरह संजय दत्त ने भी मुंबई बम कांड के सिलसिले में फंसने पर इल्जाम लगाया था कि मुझे इसलिए फंसाया गया है, क्योंकि मेरी मां मुस्लिम थी। लेकिन संजय दत्त का यह बयान भी कब आया और कब हवा हो गया, किसी को पता ही नहीं चला। इंडस्ट्री के एक और मुस्लिम हीरो सैफ अली खान ने भी अपने धर्म की वजह से मुंबई में फ्लैट नहीं मिल पाने की शिकायत की थी, लेकिन उसे भी ज्यादा तूल देने की बजाय सबने रफा-दफा की दिया गया।

... लेकिन बदल जाते हैं हम
इन सब मामलों के उलट जब शिल्पा शेट्टी ने देश से बाहर रिऐलिटी शो 'बिग ब्रदर' के दौरान जेड गुडी पर नस्लवादी टिप्पणियों का आरोप लगाया, तो सारा देश उबल पड़ा। ब्रिटिश लोगों के साथ-साथ भारतवासियों ने भी इस मामले में अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। सभी जानते हैं कि इस घटना से पहले बॉलिवुड में काफी लंबी पारी खेल चुकी शिल्पा शेट्टी को कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई थी, लेकिन इस मामले को राष्ट्रीय अस्मिता पर हमले का रूप देते हुए ऐसा हंगामा मचाया गया कि शिल्पा रातोंरात इंटरनैशनल स्टार बन गईं।

ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि जब हम भारतवासी विदेश में किसी भारतीय के साथ कोई दुर्व्यवहार या रंगभेद होने पर उबल पड़ते हैं, तो फिर देश के भीतर किसी अल्पसंख्यक के इस तरह की शिकायत करने पर उस पर कान क्यों नहीं देते? चिल्ड्रन फिल्म ससायटी ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष और सोशल वर्कर नफीसा अली इस तरह की घटनाओं से काफी व्यथित हैं। वह कहती हैं, 'मुझे समझ नहीं आता कि शाहरुख और शिल्पा के मामले में इतनी हाय तौबा मचाने वाले लोग डॉ. कलाम के साथ दुर्व्यवहार के मामले में चुप क्यों बैठ गए? अगर हम वास्तव में उन्हें अपना हीरो मानते हैं, तो हमें सड़क पर उतर आना चाहिए था। इसी तरह मीडिया को भी शाहरुख की तरह डॉ. कलाम के अपमान की खबरें को पूरे दिन चलाना चाहिए था।'

समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार पब्लिक के इस व्यवहार को ढोंग मानते हैं। वह कहते हैं, 'विदेश में किसी खास भारतीय के साथ कुछ हो जाने पर हो-हल्ला और अपने देश में नस्लीय भेदभाव की शिकायतों पर चुप बैठना, यह दर्शाता है कि हम भारतीय ढोंगी हैं। मैं यह नहीं कहता कि विदेशों में किसी भारतीय के साथ रंगभेद हो, तो हमें चुप बैठना चाहिए। लेकिन अपने देश में रंगभेद की शिकायत पर भी हमें मौन नहीं साधना चाहिए।'

दूसरी ओर, ट्रेड ऐनालिस्ट तरण आदर्श कहते हैं, 'भारतीयों के साथ विदेशों में रेसिज्म की प्रॉब्लम कोई नई नहीं है। लेकिन देश के भीतर किसी सिलेब्रिटी के साथ रंगभेद की बातें मेरी जानकारी में नहीं है।'