Monday, 8 September 2008
फिल्म स्टार्स @ पॉलिटिक्स
भले ही लोग पॉलिटिक्स की दुनिया को कितना ही भला-बुरा कहते हों, लेकिन इसकी पावर को देखते हुए सबके भीतर पॉलिटिक्स जॉइन करने की चाहत छुपी रहती है। आम आदमी ही नहीं, बल्कि फिल्म स्टार्स भी इसे जॉइन करने की चाहत से बच नहीं पाते। हाल ही में साउथ के सुपर स्टार चिंरजीवी ने प्रजा राज्यम नाम की पॉलिटिकल पार्टी की स्थापना की है। आइये फिल्मी सितारों के पॉलिटिक्स की दुनिया तक के सफर पर डालते हैं एक नजर :
हाल ही साउथ सिनेमा के सुपर स्टार चिंरजीवी ने आंध्र प्रदेश में `प्रजा राज्यम´ नाम की एक पॉलिटिकल पार्टी की स्थापना की है। `मैटिनी आइडल´ के नाम से मशहूर इस हीरो को सपोर्ट करने के लिए पार्टी की स्थापना के वक्त कई लाख मौजूद थे। अपनी फिल्मों में ज्यादातर आम जनता की मदद करने वाले हीरो का रोल करने वाले चिंरजीवी के चाहने में वालों की यूथ की संख्या काफी ज्यादा है। साउथ के फिल्म स्टारों के पॉलिटिक्स के मैदान में अच्छे रिकॉर्ड को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि चिंरजीवी कुछ कमाल दिखा सकते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले तेलुगू स्टार एम. जी. रामाचंद्रन भी पॉलिटिक्स में लंबी पारी खेल चुके हैं। शुरुआत में कांग्रेस के मेंबर रहे एमजीआर बाद में डीएमके में शामिल हो गए। डीएमके से मतभेद होने पर उन्होंने एआईएडीएमके के नाम से अपनी नई पार्टी बना ली और तमिलनाडु के चीफ मिनिस्टर बन गए। इसी तर्ज पर तेलेगु फिल्मों की सुपरस्टार जयललिता ने भी एआईएडीएमके जॉइन करके अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की। राज्यसभा सदस्य मनोनीत की गई जयललिता ने उसके बाद मुड़कर नहीं देखा। बाद में जयललिता तमिलनाडु की पहली महिला चीफ मिनिस्टर बनी।
शायद साउथ की जनता फिल्मी स्टार्स को पॉलिटिक्स में देखना काफी पसंद करती है। यही वजह है कि एनटीआर के नाम से मशहूर सुपर स्टार एन. टी. रामाराव को भी राजनीति में आना पड़ा। कहा जाता है कि एक फिल्म के प्रमोशन के दौरान एनटीआर के एक फैन ने उनसे पूछा कि हम आपको भगवान की तरह मानते हैं, लेकिन आपने हमें बदले में क्या दिया। गौरतलब है कि उनके द्वारा निभाए गए भगवान श्रीकृष्ण के रोल को काफी पसंद किया गया था। एनटीआर ने तेलुगू देशम पार्टी की स्थापना की। नाटकीय तरीके से बनी पार्टी ने अपने गठन के 9 महीने बाद ही सत्ता हासिल कर ली और एनटीआर आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर बन गए।
जहां साउथ के सितारों को पॉलिटिक्स की गलियां बहुत रास आईं, वही इसके उलट बॉलिवुड के कुछ स्टार इसमें हाथ भी जला बैठे। अपने पारिवारिक मित्र राजीव गांधी की वजह से अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद सीट पर चुनाव लड़ा और यूपी के पूर्व चीफ मिनिस्टर हेमवती नंदन बहुगुणा को रिकॉर्ड अंतर से हराया। हालांकि यह पारी ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल पाई और अमिताभ ने अपने कार्यकाल के बीच में ही एमपी की सीट से इस्तीफा दे दिया। अमिताभ पिछले दिनों भले ही समाजवादी पार्टी के लिए अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव प्रचार करते नजर आए हों, लेकिन सक्रिय पॉलिटिक्स में आने का इरादा उन्होंने त्याग दिया है। उसी दौरान जयप्रकाश नारायण से प्रभावित `शॉटगन´ शत्रुघ्न सिन्हा ने भी फिल्मी करियर के पीक पर पॉलिटिक्स में आने का फैसला किया। खास बात यह थी कि उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत के लिए बीजेपी को चुना, जो उस वक्त सिर्फ दो संसद सदस्यों के साथ संघर्ष कर रही थी। सिन्हा के लिए पॉलिटिक्स की राह इतनी आसान नहीं रही। बाद में उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर बनाया गया।
ऐसा नहीं है आज पॉलिटिक्स के आकाश में चमक रहे सभी सितारे संघर्ष करके आए हैं। ऐसे भी कई लोग हैं, जो अपने स्टारडम की बदौलत सीधे ही यहां आकर चमकने लगे। अपने जमाने के जाने-माने स्टार विनोद खन्ना ने बीजेपी जॉइन करके पॉलिटिक्स में एंट्री की। उन्होंने गुरुदास पुर सीट पर लगातार तीन बार से एमपी रहे सुखबंस कौर भिंडर को हरा दिया। वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में भी खन्ना ने अपनी लोकसभा सीट को बनाए रखा।
थोड़ा देर से सही, लेकिन फिल्मों में काफी लंबी पारी खेलने के बाद धर्मेन्द्र ने भी साथी कलाकारों की राह चलते हुए पॉलिटिक्स की दुनिया का स्वाद चखने का फैसला किया। उन्होंने `फिल्मी सितारों की पार्टी´ कही जाने वाले बीजेपी ही जॉइन की। पार्टी ने पिछले में आम चुनाव में उन्हें राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट पर टिकट दिया। अपने स्टारडम की बदौलत धर्मेंद्र ने चुनाव तो जीत लिया, लेकिन वहां की जनता की उम्मीद पर खरे नहीं उतर पाए।
इसी तरह फिल्मी दुनिया के चमकदार सितारों में से एक गोविंदा ने अपने करियर को ढलान पर जाता देख पॉलिटिक्स जॉइन करने का फैसला कर लिया। उन्होंने दूसरे सितारों अपोजिट जाते हुए कांग्रेस का हाथ थामा। उन्होंने पिछले आम चुनावों में तत्कालीन सेंट्रल पेट्रोलियम मिनिस्टर और पांच बार से नॉर्थ मुंबई के एमपी रह चुके राम नाइक को हराया। हालांकि गोविंदा भी धर्मेंद्र की तरह अपनी लोकसभा सीट पर ज्यादा वक्त नहीं दे पाते। इसलिए नॉर्थ मुंबई के लोग भी उनसे परेशान हैं।
भले ही जयाप्रदा का फिल्मी एक्सपीरियंस राजनीति के मैदान में मौजूद साथियों से थोड़ा कर रह जाए, लेकिन राजनीति के मामले में वह आगे हैं। इस खूबसूरत अभिनेत्री ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत तेलुगू देशम पार्टी के साथ की। पार्टी सुप्रीमो चंद्र बाबू नायडू ने उन्हें राज्यसभा सदस्य नॉमिनेट किया। हालांकि बाद में नायडू से मतभेद की वजह से उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली। पार्टी ने उन्हें पिछले आम चुनाव में रामपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया। स्टारडम के सहारे उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल कर ली।
अपने पति धर्मेंद्र के साथ हेमा मालिनी ने भी पॉलिटिक्स जॉइन करने का फैसला कर लिया था। हालांकि उन्होंने बैक डोर चुना। वह बीजेपी की राज्यसभा सदस्य हैं। पार्टी पॉलिटिक्स में काफी एक्टिव रहने वाली हेमा सभी मीटिंग अटेंड करती हैं। साथ ही चुनावों के दौरान वह बीजेपी के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका भी निभाती हैं। इस उम्र में भी बेहद खूबसूरत नजर आने वाली इस अभिनेत्री की चुनावों में मांग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी की ओर से उन्हें स्पेशल हेलिकॉप्टर दिया जाता है।
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