Monday 18 August, 2008

ओलिंपिक में नहीं चमके `सितारे´


आखिरकार `गोल्डन बॉय´ अभिनव बिंद्रा ने भारत की 28 साल पुरानी गोल्ड मेडल की प्यास को बुझा ही दिया। जबकि `भारतीय उम्मीदों के सूरज´ राज्यवर्धन सिंह राठौर क्वालिफाइंग मुकाबले में ही बाहर हो गए। ओलिंपिक में अभी तक के प्रदर्शन पर नजर डालें, तो भारतीय टीम के `स्टार´ खिलाडियों ने देश को निराश किया। इसके उलट कई ऐसे खिलाडियों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिन्हें कोई जानता भी नहीं था। भारतीय ओलिंपिक टीम के फ्लैग बियरर बनने का गौरव प्राप्त करने वाले राठौर पर देश को सबसे ज्यादा भरोसा था, लेकिन अफसोस वह इसे बरकरार नहीं रख पाए। 2004 में राठौर के सिल्वर मेडल जीतने के बाद के उनके सफर पर नजर डाले, तो इस बीच उन्होंने 2006 में मेलबर्न कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसमें कोई दो राय नहीं है कि 2004 में मिले सिल्वर ने राठौर को एक हस्ती बना दिया था। स्वतंत्र भारत के पहले इंडिविजुअल सिल्वर मेडल विनर बनने की वजह से उन पर चारों ओर से रुपयों की बरसात हो रही थी। साथ ही पेज 3 में भी उनकी काफी पूछ हो रही थी। शायद इन्हीं वजहों से राठौर का ध्यान ओलिंपिक की तैयारियों से हट गया और वह पहले ही राउंड में बाहर हो गए। इसी तरह `भारतीय टेनिस सनसनी´ के नाम से जानी जाने सानिया मिर्जा भी दाहिने हाथ की कलाई में लगी चोट की वजह से बाहर हो गई। भले ही खेल के दौरान उनका हाथ जरा सी देर में साथ छोड़ गया हो, लेकिन सानिया ने `प्रैक्टिस´ में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। और तो और जब दूसरे खिलाड़ी ओलिंपिक मार्च पास्ट के लिए ऑफिशल ड्रेस में तैयार हो रहे थे। उस वक्त भी वह `प्रैक्टिस´ कर रही थीं, इसी वजह से मार्च पास्ट में सानिया ट्रैक सूट में दिखाई पड़ीं। उधर शूटर समरेश जंग और तीरंदाज डोला बनर्जी जैसे दूसरे `स्टार´ भी अपनी लाइट बिखेरने से पहले ही बुझ गए। भारत के लिहाज से इस ओलिंपिक की सबसे बड़ी सफलता कुछ नए स्टार्स का सामने आना रही है। जाहिर है कि इनमें सबसे पहला नाम अभिनव बिंद्रा का है। बैडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल ने अप्रत्याशित रूप से क्वॉर्टर फाइनल में पहुँच कर सबको चकित कर दिया। भले ही वह क्वॉर्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई हों, लेकिन उनकी सफलता को कम करके नहीं आंका जा सकता। बाक्सिंग के फील्ड में भी भारत को नए सूरमा मिलें हैं। जीतेंद्र कुमार(51 कि. वर्ग), अखिल कुमार(54 कि. वर्ग)और विजेंदर कुमार (75 कि. वर्ग) ने प्री क्वॉर्टर फाइनल के क्वालिफाई करके पहलवानों के देश भारत का मान बढ़ाया है। इसी तरह आपसी मतभेद भुलाकर उतरी लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी भी ब्राजील को हराकर क्वॉर्टर फाइनल में पहुँच गई है।

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